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सर्वश्रेष्ठ चयन: भारतीय आम की किस्मों का अनावरण

Prashant Powle द्वारा  •  0 टिप्पणियाँ

Indian Mango

भारतीय आम सर्वश्रेष्ठ चयन: भारतीय आम की किस्मों का अनावरण

भारत में गर्मियों में गर्म सूरज का मतलब आम के मौसम की शुरुआत है। यह मौसम जनवरी से फरवरी तक, फिर मार्च से अप्रैल तक, फिर मई से जून तक और अंत में जुलाई से अगस्त से सितंबर तक चलता है।

इस बार हम फलों के राजा मैंगीफेरा इंडिका से शुरुआत करेंगे। भारत में आम की 1500 से अधिक किस्में हैं, जो इसे आम प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन जगह बनाती हैं।

हर क्षेत्र में आम की अपनी खास किस्में होती हैं। हर भारतीय आम की किस्म का स्वाद, गंध और रूप अनूठा होता है, जो हमें स्वाद और परंपराओं का जीवंत मिश्रण देता है।

  • भारत में कई तरह के आम उगाए जाते हैं। पूरे देश में 1500 से ज़्यादा किस्म के आम पाए जाते हैं।
  • प्रत्येक प्रकार का अपना विशेष स्वाद, गंध, रंग और अनुभव होता है, जिससे भोजन करना एक अद्भुत अनुभव बन जाता है।
  • आपके पास सुप्रसिद्ध अलफांसो और लंगड़ा आम जैसे स्वादिष्ट विकल्प हैं जो हर किसी के स्वाद के अनुरूप हैं।
  • भारत में हापूस का मौसम फरवरी से जून तक होता है। इस दौरान अलग-अलग किस्म के फल पकते हैं।
  • आम सिर्फ़ स्वादिष्ट फल नहीं हैं। भारतीय संस्कृति में भी इनका बहुत महत्व है। लोग त्योहारों पर इनका लुत्फ़ उठाते हैं, कहानियों में इनके बारे में पढ़ते हैं और रोज़ाना इन्हें पसंद करते हैं।

भारत में आम की विभिन्न किस्में कौन-कौन सी हैं?

भारत में आम की कई किस्में पाई जाती हैं, जैसे कि अल्फांसो, हापुस, केसर आम, दशहरी, लंगड़ा और तोतापुरी। हर किस्म का स्वाद, गाढ़ापन और रंग अलग होता है जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ताओं दोनों को पसंद आता है।

भारत में आम की किस्मों की खोज

इस मौसम में भारतीय बाजार में होना आपकी इंद्रियों के लिए एक अद्भुत अनुभव है।

हवा में पके आमों जैसी मीठी खुशबू आ रही है। हर जगह चमकीला पीला, हरा और नारंगी रंग है।

भारत में आम की कई बेहतरीन किस्में हैं। हर आम की कहानी उसे उस भूमि और लोगों से जोड़ती है।

उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर क्षेत्र को अपने आम के इतिहास पर गर्व है। कुछ भारतीय आम की किस्में पूरी दुनिया में मशहूर हैं।

आस-पास के कई लोगों को कई तरह के आम पसंद हैं। आइए एक साथ भारतीय आमों की विभिन्न किस्मों के बारे में जानें।

1. अल्फांसो - महाराष्ट्र का गहना

अल्फांसो हापुस को फलों का राजा कहा जाता है। यह महाराष्ट्र के रत्नागिरी और देवगढ़ क्षेत्र से आता है।

यह आम अपने मीठे स्वाद, तेज़ गंध और मुलायम एहसास के लिए जाना जाता है। इसका चमकीला पीला गूदा खाने पर अच्छा और मुलायम लगता है।

इसका स्वाद मीठा और तीखा होता है जो कुछ समय तक आपके साथ रहता है। इसकी त्वचा पतली होती है।

अल्फांसो आम की यात्रा रत्नागिरी और देवगढ़ के बागों से शुरू होती है। फिर यह दुनिया भर के बाज़ारों में पहुँचता है। यह इस फल की उच्च गुणवत्ता को दर्शाता है।

आम का अनोखा स्वाद रत्नागिरी क्षेत्र की मिट्टी और मौसम से आता है। लोग इसे ताज़ा खाना पसंद करते हैं। वे इसका इस्तेमाल मलाईदार मिठाइयों में भी करते हैं या आम के गूदे से बनने वाला पारंपरिक व्यंजन आमरस बनाते हैं।

अल्फांसो हापुस आम एक स्वादिष्ट व्यंजन है। आप इसे अकेले भी खा सकते हैं या किसी खास मिठाई में मिला सकते हैं। दोनों ही मामलों में, यह आपको असली विलासिता का स्वाद देता है।

2. आंध्र प्रदेश बंगनपल्ली

बंगनापल्ली एक बड़ा, अंडाकार फल है जो दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में पाया जाता है। इसकी चिकनी, सुनहरी-पीली त्वचा रसदार गूदे को उजागर करती है जो खट्टेपन के साथ मीठा होता है। यह ताज़ा स्वाद गर्मियों के लिए एकदम सही है।

बहुत से लोग बंगनपल्ली आम पसंद करते हैं क्योंकि इन्हें खाना पकाने में कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इनके मुलायम और चिकने गूदे में कोई फाइबर नहीं होता। यही वजह है कि ये स्मूदी, जूस और मिठाइयों के लिए एकदम सही हैं। बहुत से लोग इन्हें ताज़ा, कटा हुआ और ठंडा खाना पसंद करते हैं। ये आमरस बनाने के लिए भी पसंदीदा हैं।

बंगनापल्ली आम आंध्र प्रदेश की समृद्ध आम संस्कृति का प्रतीक है। इसका मीठा और रसदार स्वाद कई लोगों को खुश कर देता है।

3. दशहरी - उत्तर प्रदेश

भारत का उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश अपने आमराई के बागों के लिए मशहूर है, जहाँ आपको सबसे बढ़िया आम की पैदावार मिल सकती है। यहाँ उगाए जाने वाले आमों की एक खास किस्म है दशहरी, जो अपनी बेहतरीन खुशबू के लिए मशहूर है। दशहरी आम की त्वचा पतली हरी होती है और इसका आकार लंबा होता है। यह देखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसकी खुशबू कई आम प्रेमियों को आकर्षित करती है।

जब आप इसे काटते हैं, तो आपको नरम, हल्के पीले रंग का फल महसूस होता है। इसका स्वाद अनोखा होता है। पहले तो यह मीठा होता है, लेकिन फिर थोड़ा तीखा हो जाता है। दशहरी की खुशबू बहुत अच्छी होती है और इसका स्वाद हल्का होता है, जिससे कई लोग इसका लुत्फ़ उठाते हैं। आप इसे ताज़ा खा सकते हैं या इसका इस्तेमाल स्वादिष्ट पेय और मिठाइयाँ बनाने के लिए कर सकते हैं।

दशहरी आम उत्तर प्रदेश में जाना जाता है। लोग इसकी अद्भुत खुशबू और स्वादिष्ट स्वाद को पसंद करते हैं, यही वजह है कि यह गुजरात में भी लोकप्रिय है।

4. गुजरात का केसर आम

केसर आम पश्चिमी भारत के गुजरात राज्य में पाया जाने वाला एक खास आम है। इसका नाम हिंदी में केसर है, जो इसके चमकीले नारंगी गूदे और चमकीले पीले छिलके के साथ मेल खाता है। इस आम का स्वाद अनोखा होता है, जबकि गुलाब खास आम में मिठास के साथ-साथ तीखापन भी होता है। यह बेहतरीन मिश्रण इसे खाने में मज़ेदार बनाता है।

पके केसर आम की खुशबू, दिखने में जितनी आकर्षक होती है, उतनी ही आकर्षक भी होती है। यह हवा में एक मजबूत, मीठी खुशबू फैलाता है। यह फल नरम और दृढ़ होता है, इसमें कोई रेशा नहीं होता, जिससे इसका स्वाद बहुत बढ़िया होता है। बहुत से लोग इसका इस्तेमाल स्वादिष्ट मिठाइयाँ, जैम और प्रिजर्व बनाने के लिए करते हैं।

गुजरात में आम की खेती गर्मियों का स्वाद देती है। यह प्रशंसकों को गर्मी के मौसम में बंगाल से एक विशेष उपहार की अनुभूति कराती है।

5. हिमसागर, पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में गर्मी का मौसम आते ही खास हिमसागर आम आ जाते हैं। इन आमों की त्वचा पतली, चिकनी, हरी होती है और अंदर का रंग चमकीला पीला होता है। ये आपके होश उड़ा देते हैं। इनकी मीठी खुशबू बहुत अच्छी होती है और अंदर के रसीले स्वाद का एहसास कराती है।

हिमसागर आम को लोग इसके अनोखे स्वाद के लिए पसंद करते हैं। इसकी मिठास के बाद एक बढ़िया खट्टा स्वाद आता है। इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी होती है, जिससे इसे खाना आसान हो जाता है। यह हल्का स्वाद कई व्यंजनों में बहुत अच्छा लगता है।

हिमसागर आम पश्चिम बंगाल में गर्मियों का एक खास संकेत है। इसकी प्यारी खुशबू और ताज़ा स्वाद इसे साल के इस मौसम के लिए एक बेहतरीन उपहार बनाता है।

6. चौसा - उत्तर भारत

बरसात का मौसम शुरू होते ही उत्तर भारत में चौसा आम की आमद हो जाती है। इस आम का छिलका चमकीला सुनहरा-पीला होता है और पकने पर इसकी खुशबू मीठी होती है। चौसा आम का स्वाद बहुत मीठा होता है, बिल्कुल शहद जैसा। इसका स्वाद आपके मुंह में हमेशा बना रहता है।

चौसा आम खास होते हैं। ये मुलायम और रसीले होते हैं। कई लोग इन्हें चूसने वाला आम भी कहते हैं। इसका गूदा इतना चिकना होता है कि आप इसे बिना काटे खा सकते हैं। यही वजह है कि बच्चे और बड़े दोनों ही इन्हें पसंद करते हैं।

चौसा मौसम में देर से आता है लेकिन इसका स्वाद लाजवाब होता है। इससे हमें यह सीख मिलती है कि अच्छी चीजों के लिए इंतज़ार करना फायदेमंद होता है। यह हिमाचल प्रदेश में उगाया जाने वाला एक लोकप्रिय फल भी है।

7. लंगड़ा - वाराणसी

पवित्र शहर वाराणसी में लंगड़ा आम बहुत खास है। यह पश्चिमी भारत में मिलने वाले लंगड़ा आम से अलग है। यह आम अपने चमकीले हरे रंग के लिए जाना जाता है। पकने के बाद भी इसका छिलका हरा रहता है। इसका अनोखा स्वाद और रूप धोखा दे सकता है। इसके रंग से धोखा न खाएं। अंदर से इसका स्वाद लाजवाब होता है।

लंगड़ा आम में तीखा, हल्का खट्टा स्वाद और थोड़ी मिठास होती है। यह अनोखा स्वाद उन्हें दूसरे आमों से अलग करता है और कई प्रशंसकों को आकर्षित करता है। उनका सख्त गूदा चटनी बनाने के लिए भी अच्छा होता है।

लंगड़ा अपने अनोखे रूप और खास स्वाद के कारण खास है। यह भारत में आम की विभिन्न किस्मों को दर्शाता है। यह आम हमें याद दिलाता है कि असली स्वाद अक्सर इसके बाहरी रूप के नीचे छिपा होता है।

8 सीज़न का आनंद

मानसून की बारिश के साथ ही भारत की धरती एक उष्णकटिबंधीय स्वर्ग बन जाती है। इस दौरान, नीलम आम दिखाई देता है। इस फल का छिलका चमकीला पीला होता है और इसमें लाल रंग का स्पर्श होता है। यह देखने में बहुत सुंदर लगता है और इसका स्वाद भी लाजवाब होता है। इसका रसीला, चिकना, रेशेदार गूदा मीठा होता है, जो इसे एक स्वादिष्ट व्यंजन बनाता है।

नीलम आम को लोग कई कारणों से पसंद करते हैं। आप इसे ताज़ा खा सकते हैं, इसका जूस पी सकते हैं या स्वादिष्ट मिठाइयों में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मीठा स्वाद और मुलायम एहसास इसे आमरस के लिए बेहतरीन बनाता है।

नीलम आम मानसून के मौसम का एक उपहार है। इसका चमकीला रंग और मीठा स्वाद हमें प्रकृति द्वारा प्रदान की गई अच्छी चीजों की याद दिलाता है।

9. मुलगोबा आम

तमिलनाडु में, आप मुलगोबा आम पा सकते हैं, लेकिन बॉम्बे ग्रीन किस्म भी देख सकते हैं। यह आम अपने बड़े आकार के लिए जाना जाता है। इसका छिलका गोल, हरा होता है और कभी-कभी इसमें पीले रंग का भी स्वाद होता है। जब आप इसे काटते हैं, तो आपको स्वाद का एक अलग ही अहसास होता है। मुलगोबा आम का स्वाद अनोखा होता है। इसमें मिठास के साथ-साथ तीखापन भी होता है। यह मिश्रण हर निवाले को ताज़ा और संतोषजनक बनाता है।

इस आम की महक बहुत ही मनमोहक होती है। इसकी मीठी और हल्की तीखी खुशबू इसे खास बनाती है। मुलगोबा की ठोस बनावट और अनोखा स्वाद ताजा खाने या रसोई में विभिन्न व्यंजनों में इस्तेमाल करने के लिए बहुत बढ़िया है।

मुल्गोबा नाडु अपने लजीज जायकों के लिए जाना जाता है। इसका ताज़ा और अलग स्वाद लोगों को खुशी देता है।

10. कर्नाटक मीठा मोह रसपुरी

कर्नाटक एक ऐसा राज्य है जो अपने खूबसूरत नज़ारों और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है। यह रसपुरी आम के लिए प्रसिद्ध है, जिसे अक्सर आमों की रानी कहा जाता है। इस आम का आकार अंडाकार होता है और छिलका चमकीला नारंगी-पीला होता है। यह रंग एक मीठे और रसीले फल का संकेत देता है जिसकी सुगंध इंद्रियों को मंत्रमुग्ध कर देती है। आम के शौकीनों को रसपुरी आम इसकी मिठास और तेज़ महक के कारण पसंद आता है।

रसपुरी आमों में मुलायम, रसीला गूदा होता है जो मुंह में जाते ही पिघल जाता है। इनका मीठा स्वाद इन्हें खास बनाता है। इनकी प्राकृतिक मिठास और रसीले बनावट का स्वाद लेने के लिए आपको रसपुरी आमों को ताजा ही खाना चाहिए।

कर्नाटक में आमों की खूबसूरत परंपरा वाकई खास है। इनका मीठा स्वाद और लाजवाब फ्लेवर कई लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है, यही वजह है कि इन्हें कर्नाटक में आमों की रानी कहा जाता है।

11. तोतापुरी - दक्षिण भारत

तोतापुरी आम अनोखा है। लोग कभी-कभी इसकी तुलना पैरी आंबा से करते हैं। यह इसलिए खास है क्योंकि इसका आकार तोते की चोंच जैसा होता है।

आप इसे अक्सर दक्षिण भारत के बाज़ारों में पा सकते हैं। लोगों को इसका तीखा और थोड़ा खट्टा स्वाद बहुत पसंद आता है। यह खाना पकाने के लिए एकदम सही है। इसका सख्त और रसदार मांस दोपहर के भोजन, चटनी और जैम बनाने के लिए बहुत बढ़िया है।

लोग आमरस बनाने के लिए तोतापुरी आम का इस्तेमाल करते हैं। उनका तीखा स्वाद दूसरे फलों की मिठास को बढ़ाता है। आप उन्हें नमकीन व्यंजनों में भी पा सकते हैं। वे करी और चावल के व्यंजनों में एक अनोखा स्वाद जोड़ते हैं।

तोतापुरी आम भारत की पाककला परंपराओं के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनका अनोखा स्वाद और बहुमुखी प्रतिभा उन्हें कई व्यंजनों में एक महत्वपूर्ण घटक बनाती है।

12. आम्रपाली

आम्रपाली आम रचनात्मक बागवानों के कौशल को दर्शाता है। 1970 के दशक में, दशहरी और नीलम आम की किस्मों को क्रॉसब्रीड करके एक अद्वितीय भारतीय आम का प्रकार बनाया गया था, जिसमें प्रत्येक से बेहतरीन गुण विरासत में मिले थे। इसका विशिष्ट मीठा और तीखा स्वाद कई लोगों को पसंद आता है, जो आम की खेती की ज़रूरतों के साथ पूरी तरह से मेल खाता है और इसे उत्साही लोगों के लिए एक पसंदीदा विकल्प बनाता है।

आम्रपाली अपनी चमकदार लाल त्वचा और हरे रंग की पृष्ठभूमि के कारण खास है। अंदर, इसका गहरा नारंगी मांस रसदार और सुखद खुशबू वाला होता है। इसका हर एक टुकड़ा एक शानदार अनुभव है। इसके अनोखे स्वाद और प्यारे रूप ने इसे हैदराबाद में आमों की रानी का खिताब दिलाया है।

आम्रपाली आम इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि आज के समय में फल कैसे उगाए जा सकते हैं। इसकी मीठी खुशबू, चमकीला रंग और स्वादिष्ट स्वाद बहुत बढ़िया है, जिससे नए और स्वादिष्ट आम बनाने के कई मौके मिलते हैं।

13. कर्नाटक अल्फांसो बादामी

कर्नाटक के मध्य में आपको बादामी आम मिल सकता है। ये आम राज्य की फल विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। लोग अक्सर इसे कर्नाटक का अल्फांसो कहते हैं, लेकिन यह कोंकण के मूल अल्फांसो हापुस से अलग है।

बादामी दिखने में और स्वाद में मशहूर अल्फांसो हापुस जैसी होती है, जो अपने समृद्ध स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। इसकी त्वचा पीले और लाल रंग का एक प्यारा मिश्रण है, और इसके अंदर मीठा फल छिपा हुआ है।

बादामी का स्वाद बहुत ही तीखा और बढ़िया होता है। मीठे और थोड़े खट्टे स्वादों का इसका मिश्रण आपकी जीभ पर हमेशा बना रहता है। इसका रसदार और मुलायम गूदा आपके मुंह में घुल जाता है, जिससे आपको एक ताज़ा और संतोषजनक स्वाद मिलता है।

कर्नाटक की बादामी का बागवानी में समृद्ध इतिहास है। इसकी अच्छी खुशबू, चमकीला रंग और स्वादिष्ट फल लोगों को आकर्षित करते हैं।

14. सफेदा - आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के धूप वाले राज्य में लोग सफ़ेदा आम को बहुत पसंद करते हैं, जिसे बंगिनापल्ली भी कहा जाता है। इस बड़े और अंडाकार फल की त्वचा चिकनी, हल्के पीले रंग की होती है जो पकने पर थोड़ी गुलाबी हो जाती है। सफ़ेदा आम अपने मीठे स्वाद, शहद की तरह, और अपनी अच्छी खुशबू के लिए प्रसिद्ध है।

सफ़ेदा खास है। यह मुलायम और चिकना होता है। इसका मांस आपके मुंह में पिघल जाता है और इसका मीठा स्वाद आपके साथ बना रहता है। इस कारण से, कई लोग इसे स्मूदी, जूस और डेसर्ट में खाना पसंद करते हैं।

सफ़ेदा आम आंध्र प्रदेश की महान आम संस्कृति को दर्शाता है। इसका मीठा स्वाद और मुलायम, चिकना एहसास लोगों पर एक अमिट छाप छोड़ता है।

15. राजापुरी - गुजरात और महाराष्ट्र का विशाल भारतीय आम, रत्नागिरी

राजापुरी आमा महाराष्ट्र और गुजरात के पश्चिमी राज्यों से आता है। इसका शाही नाम इसके लिए उपयुक्त है क्योंकि यह एक बड़ा आम है जो नियमित रूप से मध्यम आकार का फल देता है। ये बड़े आम लंबे होते हैं और इनका छिलका हरा-पीला होता है। इनका वजन एक किलोग्राम से अधिक हो सकता है। राजापुरी आम अपने आकार और अपने विशेष स्वाद के लिए जाने जाते हैं। इनमें खट्टेपन के साथ मीठे और तीखे स्वाद का सुखद मिश्रण होता है।

इसकी महक अच्छी है। यह हवा में एक मजबूत फल की खुशबू भर देता है जिसे आप तुरंत महसूस कर सकते हैं। लोग इसे ताजा खाना पसंद करते हैं। राजापुरी आंबा सख्त लगता है और इसका स्वाद अनोखा होता है, जो इसे अचार और चटनी बनाने के लिए बढ़िया बनाता है।

यह फल गुजरात में पाए जाने वाले विभिन्न भारतीय आमों की किस्मों को दर्शाता है। राजापुरी आम उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो आमों से प्यार करते हैं।

16. मल्लिका - आधुनिक पसंदीदा

मल्लिका इंडिया आम की किस्में भारत में आम प्रेमियों के बीच लोकप्रिय हैं। उष्णकटिबंधीय प्रसन्नता के रूप में जानी जाने वाली यह संकर किस्म नीलम और दशहरी आमों से बनाई जाती है। इस फल का एक विशेष स्वाद होता है जिसमें मिठास, थोड़ा सा तीखापन और शहद का स्पर्श होता है। इसका अनूठा स्वाद इसे पारंपरिक व्यंजनों और आधुनिक व्यंजनों दोनों के लिए एकदम सही बनाता है।

इसका स्वाद भी उतना ही चमकीला और आकर्षक है। छिलका चिकना और सुनहरा-पीला होता है, कभी-कभी इसमें लाल रंग का भी स्वाद होता है। अंदर, आम गहरे नारंगी रंग के होते हैं। इसका गूदा रसदार होता है और इसकी खुशबू बहुत तेज़ होती है, जिससे हर निवाला स्वादिष्ट लगता है।

मल्लिका से पता चलता है कि आम की खेती हमेशा बदलती रहती है। इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है, रंग चमकीला होता है और स्वाद भी लाजवाब होता है। ये आम वाकई आज आम के शौकीनों के बीच पसंदीदा होने के हकदार हैं।

17. इमाम पसंद - शाही पसंद

इमाम पसंद आम को आमों का राजा कहा जाता है। यह दक्षिणी भारत के सबसे अच्छे आम वाले इलाकों में उगाया जाता है, खासकर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में। इसका अनोखा स्वाद मिठास, अम्लता और तीखेपन का मिश्रण है, जो आपके मुंह में एक यादगार स्वाद छोड़ता है।

इमाम पसंद दिखने में बहुत बढ़िया है और इसका स्वाद भी उतना ही बढ़िया है। इसका आकार लंबा और त्वचा चिकनी, पीले-हरे रंग की होती है। कभी-कभी, इस पर लाल रंग की लाली दिखाई देती है। अंदर, इसका मांस हल्का पीला, बहुत रसदार और बहुत अच्छी खुशबू वाला होता है। हर निवाला एक सुखद अनुभव देता है।

लोगों का मानना ​​है कि इमाम पसंद एक बेहतरीन विकल्प है। इसका अनोखा स्वाद, प्यारी खुशबू और खूबसूरत लुक इसे शानदार बनाते हैं।

पश्चिम बंगाल के ऐतिहासिक शहर मुर्शिदाबाद में किशन भोग आम की अलग पहचान है। इस फल का नाम एक प्रसिद्ध स्थानीय संगीतकार के नाम पर रखा गया है। इसका स्वाद और खुशबू बहुत ही खास होती है। आम का आकार अंडाकार होता है और इसका छिलका चिकना हरा होता है जो पकने पर पीला हो जाता है।

18. किशन भोग

किशन भोग का स्वाद मीठा और थोड़ा खट्टा होता है। इसमें हल्का मसाला होता है जो आपके मुंह में रहता है। इसका रसदार और चिकना मांस नरम होता है और आपके मुंह में घुल जाता है। आपको ताज़ा और स्वादिष्ट स्वाद का अहसास होता है। इसका अनोखा स्वाद विशेष मिट्टी और जलवायु से आता है, इसलिए आपको यह कहीं और नहीं मिलेगा।

किशन भोग मुर्शिदाबाद की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। इसका स्वाद और सुगंध अद्वितीय है। आम के शौकीन लोग इसका लुत्फ़ उठाते हैं और हर निवाले में इतिहास का स्वाद चखते हैं।

19. लक्ष्मणभोग - मालदा का सुगंधित आनंद

पश्चिम बंगाल का मालदा जिला अपने बाग-बगीचों के लिए मशहूर है। यहाँ का एक खास फल है लक्ष्मणभोग आम। इसकी खुशबू बहुत अच्छी होती है और इसका नाम लक्ष्मण के नाम पर रखा गया है, जो हिंदू कथा रामायण के एक महत्वपूर्ण पात्र हैं।

लक्ष्मणभोग आम अपनी तेज़ खुशबू और मीठे गूदे के लिए जाने जाते हैं। स्थानीय बाज़ारों में बेचे जाने पर, इनका आकार लम्बा और छिलका चिकना, हरा होता है। जब ये पक जाते हैं, तो छिलका चमकीला पीला हो जाता है, जो दर्शाता है कि फल कितना स्वादिष्ट है।

इस फल का स्वाद ताज़ा और साफ होता है। इसमें मीठा और तीखा स्वाद के साथ थोड़ा सा खट्टापन भी होता है। अंदर से यह रसीला और मुलायम होता है। यह आपके मुंह में पिघल जाता है और एक ताज़ा स्वाद देता है जो आपको जगा देता है।

लक्ष्मणरेमालदा आम का इतिहास बहुत समृद्ध है। यह अपनी अद्भुत खुशबू और शानदार स्वाद के कारण फल प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है, जिससे यह एक सुखद अनुभव बन जाता है।

20. सिन्दूरा - प्रेम का लाल रंग

सिंदुरा आम का रंग बहुत ही सुंदर लाल-नारंगी होता है। यह मुख्य रूप से बिहार और झारखंड में उगता है, जो पूर्वी भारत के राज्य हैं। इसका नाम "सिंदूरा" से आया है, जो एक चमकीला लाल रंग है जिसे भारत में विवाहित महिलाएं पहनती हैं। यह रंग प्रेम और सौभाग्य का प्रतीक है।

सिंदुरा ম देखने में बहुत ही शानदार है और इसका स्वाद भी अनोखा है। इसमें मीठे और तीखे स्वाद का अच्छा मिश्रण है और इसमें बिहार का थोड़ा मसाला भी है। इसका रसदार गूदा चिकना और फाइबर रहित होता है, जो आपके मुंह में आसानी से पिघल जाता है। हर निवाले से आपको एक ताज़ा और स्वादिष्ट स्वाद मिलता है।

सिंदुरा आम बहुत ही रंगीन है और इसका स्वाद अनोखा है। यह प्यार और उत्सव का प्रतीक है। यह आम भारत में आम की संस्कृति के विविध स्वादों को उजागर करता है।

निष्कर्ष

भारत में आम की विभिन्न किस्में खास स्वाद और खुशबू देती हैं। इनमें अल्फांसो, आसानी से खाया जाने वाला तोतापुरी और स्वादिष्ट इमाम पसंद शामिल हैं।

प्रत्येक फल की अपनी एक अनूठी कहानी होती है, जो इस बात से जुड़ी होती है कि वह कहाँ से आता है। इन आमों के चमकीले रंग और मीठा स्वाद भारत की समृद्ध खेती और संस्कृति को दर्शाते हैं। आप इन्हें स्वादिष्ट मिठाइयों में ताज़ा खा सकते हैं या फिर इन्हें नमकीन व्यंजनों में शामिल कर सकते हैं।

भारतीय आम वाकई खास हैं। आप भारत की अद्भुत आम संस्कृति का आनंद लेते हुए इन आमों के स्वादिष्ट स्वाद का आनंद ले सकते हैं। अभी हम संयुक्त राज्य अमेरिका में ताजे आमों की डिलीवरी की तैयारी कर रहे हैं।

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