आम का रंग आम अंदर से पीले क्यों होते हैं?
फल पकने पर उसमें महत्वपूर्ण परिवर्तन होते हैं।
आपने देखा होगा कि कमरे के तापमान पर रखे जाने पर कच्चे आम का रंग हरे से हरे-पीले में बदल जाता है, और अंततः पकने पर चमकीले पीले रंग में बदल जाता है।
जब भी कोई फल पकता है, तो निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं:
- फल की श्वसन दर बढ़ जाती है।
- फल एथिलीन उत्पन्न करता है।
- फल का गूदा कठोर से मुलायम हो जाता है।
- फल का रंग या छाया बदल जाती है।
- फल में एक विशिष्ट सुगंध और स्वाद विकसित होता है।
आम भी इसी प्रक्रिया से गुजरते हैं। आम का बाहरी हिस्सा नरम हो जाता है। वे अंदर से पीले हो जाते हैं और एक अनोखा स्वाद और सुगंध विकसित करते हैं।
पके आमों के पीले होने का एक कारण क्लोरोफिल की कमी है। क्लोरोफिल पत्तियों और फलों में मौजूद एक एजेंट है जो उन्हें हरा रंग देता है और प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में सहायता करता है।
यह सब आम के पीले बाहरी भाग को स्पष्ट करता है, लेकिन आम अंदर से पीले क्यों होते हैं? आम में बीटा कैरोटीन होता है, जो इसके अंदरूनी भाग को एक सुंदर पीला रंग देता है।
बीटा कैरोटीन एक फाइटोकेमिकल है। आम में कैरोटीनॉयड भरपूर मात्रा में होते हैं, जो फाइटोइन का उपयोग करके बनाए जाते हैं। फाइटोइन नारंगी-पीले कैरोटीनॉयड के एकीकरण की ओर ले जाता है, जिससे आम पीले हो जाते हैं।
एक अन्य व्याख्या यह बताती है कि आम की झिल्ली में पाया जाने वाला एंथोसायनिन नामक जल में घुलनशील वर्णक, आम के पीले, नारंगी और लाल रंग के लिए जिम्मेदार है।
मिट्टी, जलवायु और समग्र स्थलाकृतिक स्थितियों के साथ-साथ, आम की जटिल जैविक और जैव रासायनिक प्रक्रियाएं इसे अब तक का सबसे अविश्वसनीय फल बनाती हैं!