Prashant Powle द्वारा • 0 टिप्पणियाँ •
4 मिनट पढ़ा
सतारा में अलफांसो आम
जब मैं गर्मियों का नाम लेता हूँ तो आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है? क्या यह छुट्टियाँ हैं? या चिलचिलाती गर्मी? क्या यह आइसक्रीम है? या फिर यह फलों की दुनिया का राजा आम है?
हमारा प्रिय आम भारत में कई रूपों में उपलब्ध है। उत्तर में दशहरी से लेकर दक्षिण में बंगनपल्ली तक।
लेकिन इस प्राकृतिक व्यंजन का सबसे अच्छा स्वाद कोंकण में मिलता है। अल्फांसो या हापुस को सभी आमों में सबसे अच्छा माना जाता है।
इसकी खुशबू लाजवाब होती है, इसका छिलका नारंगी-पीला होता है और इसका गूदा बहुत गाढ़ा और मलाईदार होता है। इसे ऐसे ही खाया जाता है या मिठाई बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
हापुस का मौसम मार्च में शुरू होता है और मई तक चलता है। इतने छोटे मौसम के साथ, हापुस सबसे ज़्यादा मांग वाले गर्मियों के उत्पादों में से एक बन गया है।
अलफांसो: मूल कहानी
क्या आप जानते हैं कि यह स्वादिष्ट व्यंजन पुर्तगाल से आया था? एक पुर्तगाली सैन्य अधिकारी अलफांसो डी अल्बुकर्क हापुस आम को भारत लेकर आया था।
उन्होंने भारतीयों को पौधों को ग्राफ्ट करने की कला भी सिखाई। कुछ पौधों को ग्राफ्ट करने के बाद, श्री अल्बुकर्क ने सफलतापूर्वक आम की एक ऐसी किस्म उगाई जो सबसे बेहतरीन आम किस्मों में से एक बन गई।
हापुस आम का स्वाद, सुगंध और फ्लेवर बेमिसाल है। यह इतना अनोखा है कि यह दुनियाभर में पसंदीदा बन गया है!
हापुस का गूदा नारंगी-पीले रंग का होता है। यह अधिकांशतः रेशेदार होता है और इसकी सुगंध बहुत अच्छी होती है।
देवगढ़ और रत्नागिरी अल्फांसो
अल्फांसो को बनाने या बिगाड़ने वाली चीजें इसका स्वाद, सुगंध और फ्लेवर हैं। जिस क्षेत्र में अल्फांसो उगाया जाता है, वहां की मिट्टी और जलवायु इन मापदंडों को बहुत प्रभावित करती है।
कोंकण क्षेत्र की ज्वालामुखीय मिट्टी, भूभाग और स्थलाकृति इसे सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अल्फांसो आम का उत्पादन करने में सक्षम बनाती है।
150,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले इस स्वादिष्ट फल का उत्पादन करने वाले पांच जिलों में से देवगढ़ और रत्नागिरी सबसे आगे हैं।
ये दोनों क्षेत्र प्रीमियम गुणवत्ता वाले ताजे अल्फांसो आम का उत्पादन करते हैं। रत्नागिरी हापुस अन्य प्रकार के आमों की तुलना में बहुत अधिक रसीला होता है। इसकी सुगंध बहुत तेज़ होती है जो आसानी से पूरे कमरे में फैल जाती है।
देवगढ़ हापुस की त्वचा पतली होती है। इसलिए, इस किस्म में आपको ज़्यादा गूदा मिलता है। साथ ही, यह गूदा ज़्यादा गाढ़ा और ज़्यादा स्वादिष्ट होता है।
देवगढ़ और रत्नागिरी हापुस की बेहतरीन गुणवत्ता के कारण इसे GI टैग मिला है। GI टैग गुणवत्ता की पहचान है। यह किसी विशिष्ट क्षेत्र के उत्पादकों को उस उत्पाद की सर्वोत्तम गुणवत्ता विकसित करने के लिए बौद्धिक अधिकार प्रदान करता है।
लेकिन क्या सतारा जैसे दूर के शहर में हापुस आम मिलना संभव है? बिलकुल! सतारा जैसे खूबसूरत और अनोखे शहर में इस स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लिया जा सकता है, मिलना चाहिए और मिलना ही चाहिए!
जानना चाहते हैं कैसे? खैर, पढ़ते रहिए, और आपको पता चल जाएगा।
आम खरीदना: एक गाइड
इस स्वादिष्ट फल को खरीदते समय आपको कुछ बातें याद रखनी चाहिए।
हर चमकने वाली चीज़ हमेशा सोना नहीं होती: रंग पकने का पर्याप्त संकेतक नहीं है। आपका फल बाहर से पीला दिख सकता है लेकिन अंदर से पका नहीं हो सकता है।
स्पर्श से ही सब पता चल जाता है: स्पर्श ही पकने का एक बेहतरीन संकेतक है। अगर आपका आम छूने में कठोर है, तो शायद वह कच्चा है। पका हुआ आम छूने में नरम लगता है, और आप इसके गूदे को महसूस कर सकते हैं, बिल्कुल आड़ू या नाशपाती की तरह।
सुगंध से बचा जा सकता है: पके आम तने के चारों ओर एक फल जैसी सुगंध छोड़ते हैं। इसलिए, इसे खाने से पहले अपने आम को सूंघ लें।