अल्फांसो आम: भारत के सबसे स्वादिष्ट आम
अल्फांसो आम: भारत के सबसे स्वादिष्ट आम
अल्फांसो आम भारत के सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय आमों में से एक है। यह अपने मीठे स्वाद, रसीले गूदे और सुगंध के लिए जाना जाता है। अल्फांसो आम को आमों का राजा भी कहा जाता है।
अल्फांसो आम का स्वाद:
अल्फांसो आम का स्वाद बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा नारंगी रंग का और बहुत ही रसीला होता है। अल्फांसो आम की सुगंध भी बहुत ही मनमोहक होती है।
कैसे पड़ा अल्फांसो नाम?
अल्फांसो आम का नाम पुर्तगाली खोजकर्ता अफोंसो दि अल्बूकर्क के नाम पर पड़ा है। अफोंसो दि अल्बूकर्क ने 16वीं शताब्दी में भारत पर विजय प्राप्त की थी। उन्होंने भारत में अल्फांसो आम को देखा और इसकी सुगंध और स्वाद से बहुत प्रभावित हुए।
उनके सन्मान में इस प्रजाति के आम को उनके नाम पर रखा गया नाम पर अल्फांसो।
अफोंसो दि अल्बूकर्क एक पुर्तगाली नौसेना अधिकारी और खोजकर्ता थे, जिन्होंने 15वीं शताब्दी में भारत में पुर्तगाली साम्राज्य की नींव गोवा राज्य में रखी। अल्बूकर्क ने भारत में आम के पेड़ों से प्रभावित होकर उनको देखा और उनके स्वाद और सुगंध से प्रभावित हुए। उन्होंने आम के पेड़ों को अपने देश में ले जाने के लिए एक योजना बनाई।
अल्फोंसो के पेड़ का ग्राफ्टिंग क्या होता है
अल्बूकर्क ने अपने साथ भारत से आम के पेड़ों की कलमें लाईं। उन्होंने अपने देश में रत्नागिरी में आम के पेड़ों को ग्राफ्ट किया। ग्राफ्टिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें एक पेड़ के टिश्यू को दूसरे पेड़ में जोड़ा जाता है। ग्राफ्टिंग के माध्यम से, अल्बूकर्क ने भारत के आम के पेड़ों की विशेषताओं को अपने देश में लाने में सक्षम हुए।
अल्बूकर्क के द्वारा ग्राफ्ट किए गए आम के पेड़ों को अल्फोंसो नाम दिया गया। अल्फोंसो आम की विशेषताएं भारत के आम के पेड़ों के समान थीं। अल्फोंसो आम मीठे और सुगंधित होते हैं। वे जल्दी पकते हैं और लंबे समय तक रखे जा सकते हैं।
अल्बूकर्क की अल्फोंसो आम की ग्राफ्टिंग की तकनीक ने दुनिया भर में आम के उत्पादन को बढ़ावा दिया। आज, अल्फोंसो आम दुनिया के सबसे लोकप्रिय आमों में से एक है।
अल्फोंसो आम की खोज
अल्फोंसो आम की खोज के बारे में एक कहानी है कि अल्बूकर्क ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी के एक गांव में एक आम का पेड़ देखा। पेड़ के फल इतने मीठे और सुगंधित थे कि अल्बूकर्क ने उन्हें अपने देश में ले जाने का फैसला किया। उन्होंने पेड़ से एक कलम ली और उसे अपने देश में ले गए। उन्होंने कलम को एक अन्य आम के पेड़ पर ग्राफ्ट किया। ग्राफ्टिंग सफल रही और पेड़ ने अल्फोंसो आमों का उत्पादन करना शुरू कर दिया।
अल्फोंसो आम भारत का राष्ट्रीय फल है। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक फसल है और भारत के कृषि निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
आमों का राजा
अल्फांसो आम को "आमों का राजा" कहा जाता है क्योंकि यह एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक आम है। अल्फांसो आम में विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं।
अल्फांसो आम Mangifera indica वंश का एक आम है। यह आम भारत के पश्चिमी तट पर महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में उगाया जाता है।
इसलिए हापुस आम बन गया अल्फांसो
अल्फांसो आम को पहले हापुस आम कहा जाता था। हापुस एक मराठी शब्द है जिसका अर्थ है "प्यार"। अल्फांसो आम के मीठे स्वाद और सुगंध के कारण, इसे जल्द ही "आमों का राजा" कहा जाने लगा।
जीआई टैग क्या है?
जीआई टैग या भौगोलिक संकेत एक ऐसा टैग है जो किसी विशेष उत्पाद या सेवा को उसकी उत्पत्ति के स्थान से जोड़ता है।
अल्फांसो आम को भारत सरकार द्वारा जीआई टैग दिया गया है । जो की रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग (देवगढ़), अलीबाग, ठाणे और पालघर ज़िल्हा को ही उपलब्ध है ।
हापुस आम की विशेषताएं:
अल्फांसो आम की कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- इसका आकार मध्यम होता है।
- इसका छिलका पीला होता है।
- इसका गूदा नारंगी रंग का और रसीला होता है।
- इसकी सुगंध बहुत ही मनमोहक होती है।
असली कोंकणी हाफूस आम:
अल्फांसो आम को कोंकण के कुछ हिस्सों में असली कोंकणी हाफूस आम कहा जाता है। इन आमों को कोंकण के देवगढ़ और रत्नगिरि जिलों में उगाया जाता है।
अल्फांसो आम की ये है खासियत:
अल्फांसो आम की कुछ खासियतें निम्नलिखित हैं:
- यह एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक आम है।
- यह भारत का सबसे महंगा आम है।
- इसे "आमों का राजा" कहा जाता है।
- इसे जीआई टैग दिया गया है।
हापुस आम का रेट
अल्फांसो आम का रेट बहुत ही अधिक होता है। भारत में, अल्फांसो आम का भाव लगभग ₹६०० से ₹९०० प्रति किलो होता है।
रत्नगिरि का हापुस आम
रत्नागिरि का हापुस आम भारत के सबसे स्वादिष्ट अल्फांसो आमों में से एक माना जाता है। रत्नगिरि के हापुस आमों को उनके मीठे स्वाद और रसीले गूदे के लिए जाना जाता है।
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फलों का राजा अल्फांसो आम
अल्फांसो आम भारत के सबसे लोकप्रिय और महंगे आमों में से एक है। यह अपने मीठे स्वाद, रसीले गूदे और सुगंध के लिए जाना जाता है। अल्फांसो आम को "आमों का राजा" भी कहा जाता है।
अल्फांसो आम का स्वाद बहुत ही मीठा और स्वादिष्ट होता है। इसका गूदा नारंगी रंग का और बहुत ही रसीला होता है। अल्फांसो आम की सुगंध भी बहुत ही मनमोहक होती है।
अल्फांसो आम में विटामिन ए, विटामिन सी, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फाइबर जैसे पोषक तत्व होते हैं। यह एक बहुत ही पौष्टिक फल है।
- विटामिन ए और सी की कमी से आंखों और प्रतिरक्षा प्रणाली के स्वास्थ्य में समस्या हो सकती है।
- पोटेशियम की कमी से रक्तचाप बढ़ सकता है।
- मैग्नीशियम की कमी से हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य में समस्या हो सकती है।
- फाइबर की कमी से कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- चीनी की अधिक मात्रा से मोटापा, मधुमेह और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- प्रोटीन की कमी से मांसपेशियों के विकास और मरम्मत में समस्या हो सकती है।
अल्फोंसो आम की फायदे बाकि फलो के साथ तुलना में।
पोषक तत्व | अल्फांसो आम (100 ग्राम में) |
तुलना (100 ग्राम आम के लिए) |
विटामिन ए |
20% आरडीडी |
आम का विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। |
विटामिन सी |
30% आरडीडी |
संतरे (120% आरडीडी) जितनी आम का विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। |
पोटेशियम |
10% आरडीडी |
केला (400 मिलीग्राम), आम का पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करता है। |
मैग्नीशियम | 8% आरडीडी |
बादाम (270 मिलीग्राम) आम का मैग्नीशियम मांसपेशियों और तंत्रिकाओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। |
फाइबर |
3 ग्राम | कब्ज को रोके, पाचन तंत्र को स्वस्थ रखे, कोलेस्ट्रॉल को कम करे |
चीनी |
15 ग्राम | आम में प्राकृतिक रूप से मौजूद शर्करा है, जिसमें सुक्रोज और फ्रुक्टोज शामिल हैं। ये शर्करा ऊर्जा प्रदान करती हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक है। |
प्रोटीन |
1 ग्राम | आम में मौजूद प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है। |
*आरडीडी का मतलब है दैनिक अनुशंसित मात्रा।
अल्फांसो आम का सेवन करने के लाभ:
- अल्फांसो आम में विटामिन ए और सी होते हैं, जो आंखों और प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अच्छे हैं।
- अल्फांसो आम में पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- अल्फांसो आम में मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है
- अल्फांसो आम में फाइबर होता है, जो पाचन में मदद करता है।
अल्फांसो आम का सेवन करने के नुकसान:
- अल्फांसो आम में बहुत अधिक चीनी होती है, इसलिए मधुमेह के रोगियों को इसे कम मात्रा में खाना चाहिए।
निष्कर्ष
अल्फांसो आम एक पौष्टिक फल है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, खासकर मधुमेह और वजन घटाने वाले लोगों के लिए।
अल्फांसो आम भारत के पश्चिमी तट पर महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में उगाया जाता है। यह आम फेब्रुवारी से जून के महीने में पकता रहता हैं ।
अल्फांसो आम को कई तरह से खाया जा सकता है। इसे कच्चा खाया जा सकता है, इसका जूस बनाया जा सकता है, या इसे डेसर्ट और अन्य व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
अल्फांसो आम के कुछ लोकप्रिय व्यंजन निम्नलिखित हैं:
- अल्फांसो आम का जूस
- अल्फांसो आम का हलवा
- अल्फांसो आम का रसमलाई
- अल्फांसो आम की चटनी
- अल्फांसो आम की आइसक्रीम
अल्फांसो आम एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है। यह भारत का सबसे महंगा आम है, लेकिन इसका स्वाद इसकी कीमत के लायक है। अगर आप कभी भी अल्फांसो आम का स्वाद लेते हैं, तो आप इसे कभी नहीं भूलेंगे।
अल्फोंसो आम की डिलीवरी आपके घर तक
हमारे बागान से हम डायरेक्ट आपके घर तक डिलीवर करते हैं ।
हमारा आम कन्याकुमारी से कश्मीर तक और अरुणाचल प्रदेश से मुंबई तक साडी जगह हवाई जहाज से भेजा जाता हैं । मेट्रो शहरों में नेक्स्ट डे डिलीवरी करते हैं ।
हमारा आम केमिकल फ्री पकाया जाता हैं इसमें कोई भी तरीका का केमिकल नहीं डालते हैं
नैचुरली ग्रोन केमिकल फ्री अल्फोंसो मैंगोज।
अल्फांसो आम खरीदने के सुझाव
- अल्फांसो आम खरीदते समय, यह सुनिश्चित करें कि आम अच्छी तरह से पका हुआ हो। आम का छिलका पीला होना चाहिए और गूदा नारंगी रंग का और रसीला होना चाहिए।
- अल्फांसो आम को ताजा खाएं। इसे स्टोर करने से इसका स्वाद खराब हो सकता है।
अल्फांसो आम का भारत में से निर्यात:
अल्फांसो आम भारत का सबसे अधिक निर्यात किया जाने वाला फल है। अल्फांसो आम को दुनिया के कई देशों में निर्यात किया जाता है, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देश।
अल्फांसो आम एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक फल है। यह भारत का सबसे महंगा आम है, लेकिन इसका स्वाद इसकी कीमत के लायक है। अगर आप कभी भी अल्फांसो आम का स्वाद लेते हैं, तो आप इसे कभी नहीं भूलेंगे।